लेखनी कविता -मोटू की तोंद - बालस्वरूप राही

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मोटू की तोंद / बालस्वरूप राही आलू, प्याज, टमाटर गोल, बैगन, कद्दू गोल मटोल। कहाँ चले जाते हैं बोल? चुप क्यों हैं, अपना मुंह खोल। खुल जाएगी सारी पोल। मोटूमल का ...

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